ताजगंज होटल से दबोचा गया आरोपी बाबा, दिल्ली पुलिस कर रही है पूछताछ
वसंत कुंज में 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और यौन शोषण के आरोपी स्वामी चौतन्यानंद को दिल्ली पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी शुरू से ही आगरा में छुपा हुआ था और फिलहाल ताजगंज स्थित एक होटल में रह रहा था। पुलिस ने बीती रात करीब 3.30 बजे उसे होटल फर्स्ट से दबोचा और अब उसे दिल्ली लाया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी को करीब पौन घंटे में दिल्ली पहुंचा दिया जाएगा।
पीठ की संपत्ति पर कब्जे की साजिश
जानकारी के मुताबिक, चौतन्यानंद उर्फ पार्थसारथी पाखंडी मठ की तीन खरब से अधिक की संपत्ति पर कब्जा करना चाहता था। इसके लिए उसने पीठ का विश्वास तोड़ा और कई धोखाधड़ी वाले कदम उठाए। पीठ ने उसके खिलाफ वसंतकुंज (नार्थ) थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी कागजात तैयार करने जैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि आश्रम की कुछ इमारतें कई कंपनियों को किराये पर दी गई थीं, जिनसे हर महीने करीब 60 लाख रुपये किराया आता था। आरोपी यह रकम पीठ को देने के बजाय खुद रख रहा था। पीठ के वसंतकुंज स्थित आश्रम के प्रशासक पीए मुरली ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दी थी।
कई एफआईआर दर्ज
दिल्ली पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) अमित गोयल ने इस मामले की जांच जिला जांच यूनिट (DIU) को सौंपी है।
- पहली एफआईआर (23 जुलाई 2025): धोखाधड़ी और फर्जी कागजात तैयार करने को लेकर दर्ज।
- दूसरी एफआईआर: छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन शोषण के आरोप में।
- तीसरी एफआईआर: महंगी गाड़ियों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाने को लेकर।
फर्जी नाम और बैंक खातों का जाल
शिकायत में यह भी कहा गया कि आरोपी ने संस्थान का नाम बदलकर श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट कर दिया था। इतना ही नहीं, पीठ से पीएचडी की गारंटी राशि के लिए एक करोड़ रुपये की एफडी बनाने की भी मांग की थी।
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी के नाम और उससे जुड़े ट्रस्ट के नाम पर 18 बैंक खाते और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट मिले हैं, जिनमें लगभग 18 करोड़ रुपये जमा थे। पुलिस ने इन सभी खातों को सीज कर दिया है। इनमें ज्यादातर रकम उक्त ट्रस्ट के जरिए जमा की गई थी।
लोगों का बदलता नजरिया
स्वामी चौतन्यानंद की गिरफ्तारी ने एक बार फिर बाबाओं और ढोंगी गुरुओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाज में यह धारणा गहरी होती जा रही है कि कुछ तथाकथित बाबा धर्म और आस्था का मुखौटा पहनकर निजी स्वार्थ और भोग-विलास में डूबे रहते हैं। ऐसे मामलों से आम जनता की श्रद्धा आहत होती है और लोगों के मन में धार्मिक संस्थानों के प्रति अविश्वास पैदा होता है।
अब खुलेंगे राज
पुलिस सूत्रों का कहना है कि बाबा की गिरफ्तारी के बाद उसकी काली करतूतों और आर्थिक अनियमितताओं के कई और राज खुलने की संभावना है।