वाराणसी। वाराणसी कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरोगा की पिटाई के मामले में कैंट थाने में दर्ज मुकदमे से नाराज अधिवक्ताओं ने शनिवार को न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। शुक्रवार को बार सभागार में करीब पांच घंटे चली हंगामेदार बैठक के बाद सेंट्रल व बनारस बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
बैठक में अधिवक्ताओं ने साफ कहा कि जब तक उन पर दर्ज मुकदमे रद्द नहीं किए जाते और एडीसीपी वरुणा नीतू का स्थानांतरण नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।
अधिवक्ताओं पर कार्रवाई से भड़का गुस्सा
अधिवक्ता शिवा प्रताप सिंह की पिटाई के मामले में पहले भी विरोध प्रदर्शन हो चुका है। तब जिला जज ने ग्रेवियांस रेड्रेसल कमेटी बनाकर 12 घंटे के भीतर निस्तारण का निर्देश दिया था। अधिवक्ताओं का आरोप है कि इसके बावजूद पुलिस वादकारियों के साथ जाने वाले वकीलों से दुर्व्यवहार कर रही है, उनके वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं और बेवजह सीजिंग की जा रही है।
बार एसोसिएशन का कहना है कि यह सब रंजिशवश किया जा रहा है और इससे न्यायिक कार्य बाधित हो रहा है। अधिवक्ताओं ने पुलिस पर “अघोषित हड़ताल” का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस पैरोकारों और कोर्ट मुहर्रिरों को अदालत में नहीं भेज रही, जिससे सुनवाई प्रभावित हो रही है।
पुलिस अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग
कचहरी प्रकरण को लेकर अधिवक्ता राघवेंद्र नारायण दुबे की ओर से शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें एडीसीपी वरुणा नीतू, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, एसीपी कैंट नितिन तनेजा, कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा समेत 100 पुलिसकर्मियों (50 दरोगा और 50 सिपाही) के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस मामले में 20 सितंबर की तिथि निर्धारित की है।इसी दौरान, बार के वरिष्ठ सदस्यों ने भेलूपुर और बड़ागांव थाना क्षेत्र में अधिवक्ताओं पर हुए हमलों में आरोपियों पर भी सख्त कार्रवाई की मांग रखी।
सोशल मीडिया पर एडीसीपी नीतू के समर्थन में पुलिस
पुलिस और वकीलों के बीच बढ़ते विवाद के बीच एडीसीपी वरुणा नीतू कात्यायन सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आ गई हैं। यूपी पुलिस के कई अफसर और जवान उनके समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर पुलिसकर्मी “लेडी सिंघम” हैशटैग के साथ नीतू के पक्ष में पोस्ट साझा कर रहे हैं।
पुलिसकर्मियों ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर उनकी तस्वीरें लगाकर सम्मान व्यक्त किया। कई पोस्ट में लिखा गया कि नीतू जैसी अधिकारी पूरे पुलिस विभाग के लिए प्रेरणा हैं और वे “यूपी पुलिस का अभिमान और गौरव” हैं।
टकराव गहराने की आशंका
अधिवक्ता एडीसीपी नीतू को जिले से हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि पुलिसकर्मी उनके समर्थन में अभियान चला रहे हैं। इससे दोनों पक्षों के बीच तनातनी और गहराने की आशंका है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो न्यायिक कार्य और अधिक प्रभावित हो सकता है।