वाराणसी में 41 लाख रुपये की लूट का सनसनीखेज मामला
वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र में एक अपार्टमेंट से 41 लाख रुपये की लूट का मामला सामने आया है। इस घटना में निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता और स्वयं को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताने वाले धर्मेंद्र कुमार चौबे के खिलाफ सारनाथ थाने में लूट और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह FIR थानाध्यक्ष विवेक त्रिपाठी की तहरीर पर दर्ज की गई, जिसमें अन्य अज्ञात व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया गया है।
जुआ अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज
इस मामले में न केवल लूट के आरोप लगाए गए हैं बल्कि जुआ अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार, अपार्टमेंट के एक फ्लैट में कुछ व्यापारी जुआ खेल रहे थे, और आरोपितों ने उन्हें कानूनी कार्रवाई का भय दिखाकर उनके पास मौजूद 41 लाख रुपये ले लिए।
घटना की सीसीटीवी फुटेज वायरल, इंस्पेक्टर और फर्जी ओएसडी फरार
घटना की सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है। फुटेज में दोनों आरोपित अपार्टमेंट से बैग में रुपये लेकर निकलते हुए देखे गए। इस वीडियो के आधार पर इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता को प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने उन्हें निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच डीसीपी वरुणा जोन को सौंपी गई है।
अपार्टमेंट के मालिक और व्यापारियों के खिलाफ भी कार्रवाई
इस मामले में रूद्रा हाइट्स अपार्टमेंट के मालिक का नाम भी सामने आया है, जिसके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इस केस में अन्य व्यापारियों को भी आरोपी बनाया गया है जो अपार्टमेंट में जुआ खेलते हुए पकड़े गए थे। यह केस विशेष रूप से पुलिस की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि एक पुलिसकर्मी पर ही ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं।
फरार इंस्पेक्टर और ओएसडी की तलाश में पुलिस जुटी
मुकदमा दर्ज होते ही निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता और उनका साथी धर्मेंद्र कुमार चौबे भूमिगत हो गए हैं। सारनाथ थाना पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि घटना के बाद भी कोई प्रार्थना पत्र देने नहीं आया, इसलिए पुलिस ने खुद वादी बनकर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने अपार्टमेंट के सीसीटीवी डीवीआर को जब्त कर लिया है और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सीबीसीआईडी से किया गया संबद्ध
अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश से निलंबित इंस्पेक्टर परम हंस गुप्ता को लखनऊ स्थित सीबीसीआईडी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। पुलिस आयुक्त ने इंस्पेक्टर को कमिश्नरेट से कार्यमुक्त कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश जारी किया है।
आगे की कार्रवाई
इस मामले में विवेचना पूरी होने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।